पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इसे एक "बहुत बुरा हादसा" बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। इल्तिजा ने कहा, "हम सब का दिल टूटा है। टूरिस्ट जो हमारे मेहमान होते हैं, उन्हें कैसे दिनदहाड़े मारा जा सकता है? खासकर दो बहनें हिमांशी और शुभम की पत्नी की वीडियो देखकर हमें बहुत दुख हुआ।"
इस हमले में हरियाणा के करनाल निवासी विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी और यूपी के कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की भी हत्या की गई। विनय नौसेना के लेफ्टीनेंट थे और 16 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने हिमांशी के सामने विनय की हत्या कर दी। शुभम अपनी पत्नी आशान्या के साथ पहलगाम घूमने गए थे, जब आतंकियों ने उन्हें भी निशाना बनाया।
इल्तिजा मुफ्ती का मानवीय दृष्टिकोण
न्यूज़ एजेंसी IANS से बातचीत में इल्तिजा ने कहा, "मुझे इस बात का बुरा लगता है कि जब ऐसा हमला होता है तो हमसे क्यों पूछा जाता है कि आपको बुरा लग रहा है? हमें भी बुरा लगता है। हम भी इंसान हैं, कश्मीरी होने से पहले, हिंदुस्तानी होने से पहले और मुसलमान होने से पहले हम एक इंसान हैं। इंसानियत के नाते ऐसी घटनाएं दिल को तोड़ देती हैं, और हम सबका दिल अभी टूटा हुआ है।"
कश्मीरी महिलाओं का जिक्र
इल्तिजा ने जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से रह रहे लोगों का भी उल्लेख किया और कहा, "यहां कई महिलाएं हैं जिनके बेटे सीआरपीएफ में थे और शहीद हुए। हमारे गृहमंत्री अमित शाह भी यहां गए थे, लेकिन इन्हें डिपोर्ट कर दिया गया। अगर आप इंसानियत के नाते देखेंगे तो इन लोगों के साथ कहीं न कहीं गलत हो रहा है।"
सरकार और मानवीय दृष्टिकोण पर विचार
उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, "हमारी सरकार जो भी कदम उठा रही है, उनका मानना है कि यही सही है, लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि हमें थोड़ा अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।"
इल्तिजा मुफ्ती के इस बयान से यह साफ है कि उन्होंने कश्मीरी लोगों और बाकी भारतवासियों के बीच एकजुटता की आवश्यकता की बात की है, और यह महसूस किया है कि इंसानियत के आधार पर सभी को समान सम्मान मिलना चाहिए।