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पहलगाम हमले के बाद आतंकियों की लापता गुमशुदगी: क्या हाशिम मूसा और साथी यूरोपीय ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं

03, May 2025 News19Raj Today's News Jaipur, Hindi news, Jaipur news 13

पहलगाम हमले के बाद हर किसी के दिमाग में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर पाकिस्तानी आतंकी हाशिम मूसा और उसके साथी कहां गायब हो गए हैं? क्या वे जमीन में समा गए या आसमान में विलीन हो गए? एबीपी न्यूज आज आपको बताएगा कि हाशिम मूसा और उसके साथियों का ठिकाना कहां है।

जंगलों में छिपे हाशिम मूसा और साथी

एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के अनुसार, हाशिम मूसा और उसके साथी पहलगाम में बैसरन घाटी में नरसंहार को अंजाम देने के बाद कश्मीर के जंगलों में छिपे हुए हैं। एक अहम सवाल यह है कि इतने दिनों से आतंकियों का कोई ट्रैक क्यों नहीं मिल रहा? दस दिन से ज्यादा समय बीत चुका है, और वे बिना मोबाइल फोन के कैसे ट्रैक हो रहे हैं, जबकि आतंकवादी किसी भी तकनीकी उपकरण का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, जिससे उन्हें पकड़ा जा सके।

सुरक्षा एजेंसियों को शक

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हाशिम मूसा और उसके साथी यूरोप का 'अल्पाइन क्वेस्ट' नामक नेविगेशन ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं। यह ऐप बिना इंटरनेट और जीपीएस के जंगलों में ट्रैकिंग के लिए काम आता है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि आतंकियों ने यह ऐप आईएसआई से प्राप्त किया है। एक साल पहले भी एक आतंकी समूह ने एलओसी से घुसपैठ करते वक्त इसी ऐप का इस्तेमाल किया था।

‘अल्पाइन क्वेस्ट’ ऐप कैसे काम करता है?

‘अल्पाइन क्वेस्ट’ ऐप फ्रांस का है और यह ऑफलाइन काम करता है, यानी बिना इंटरनेट के भी इसकी सहायता से पहाड़, जंगल और नदी के रास्ते आसानी से तलाशे जा सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह ऐप इंटरनेट और लोकेशन का उपयोग नहीं करता, जिससे आतंकियों को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, यह ऐप आतंकियों को स्थानीय गाइड्स की मदद से स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की अनुमति देता है, ताकि उनकी योजनाएं लीक न हों।

चीनी मिलिट्री कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल

इसके अलावा, यह भी जानकारी मिली है कि आतंकियों के पास एक चीनी मिलिट्री कम्युनिकेशन डिवाइस है, जो बिना इंटरनेट के काम करता है। माना जा रहा है कि यह डिवाइस पाकिस्तानी सेना द्वारा आईएसआई के माध्यम से आतंकियों तक पहुंचाई गई है। यह डिवाइस वॉर जोन में कम्युनिकेशन और वीडियो ट्रांसफर करने के लिए उपयोग किया जाता है, और इसकी मदद से आतंकी अपने आकाओं से संपर्क बनाए रख सकते हैं।

क्या इसका मतलब है कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह और भी मुश्किल होगा?

सुरक्षा एजेंसियों को अब यह चुनौती है कि बिना इंटरनेट के इन आतंकियों को ट्रैक करना और भी कठिन हो गया है। अल्पाइन क्वेस्ट ऐप और चीनी मिलिट्री डिवाइस के इस्तेमाल से सुरक्षा बलों को आतंकियों के ठिकाने का पता लगाना और भी मुश्किल हो गया है।

इस सब के बावजूद, सुरक्षा एजेंसियां इन आतंकियों की तलाश जारी रखे हुए हैं, और उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही हाशिम मूसा और उसके साथियों का पता चल सकेगा।

 

 



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