
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत में गुस्से की लहर दौड़ गई है, और अब इस घटना के प्रभाव से पाकिस्तानी कलाकार भी बुरी तरह घिरते नजर आ रहे हैं। देशभर में लोग इस हमले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, और इसी गुस्से की लपटों में अब पाकिस्तानी अभिनेता और अभिनेत्रियां भी फंसी हुई हैं।
जहां एक ओर पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की आगामी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ की भारत में रिलीज़ पर रोक लगा दी गई है, वहीं अभिनेत्री हानिया आमिर का बॉलीवुड में डेब्यू भी अब सवालों के घेरे में आ गया है। फिल्म उद्योग में यह हलचल एक ऐसे समय में हुई है जब भारत में पाकिस्तान से जुड़े कलाकारों और उनके प्रोजेक्ट्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं।
फवाद खान, जो अपनी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ से बॉलीवुड में आठ साल बाद वापसी करने वाले थे, अब अपनी इस फिल्म की रिलीज को लेकर मुश्किल में हैं। यह फिल्म पहले से ही विवादों में घिरी हुई थी और इसके भारत में रिलीज़ को लेकर लगातार विरोध हो रहा था। लेकिन, 22 अप्रैल को कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इसके बाद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस फिल्म की भारत में रिलीज़ पर रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया। यह कदम भारतीय जनता के गुस्से को देखते हुए उठाया गया है, जो पाकिस्तान से जुड़े कलाकारों और प्रोडक्ट्स का विरोध कर रहे हैं।
इसके साथ ही, पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर के बॉलीवुड डेब्यू पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हानिया आमिर, जो फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने की योजना बना रही थीं, अब इस हमले के बाद अपने बॉलीवुड डेब्यू के लिए अनिश्चितता की स्थिति का सामना कर रही हैं। उनका यह सपना अब अधर में लटकता दिखाई दे रहा है, क्योंकि इस आतंकी हमले के बाद भारत में पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर विरोध और असहमति तेज़ हो गई है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या पाकिस्तानी कलाकारों की ओर से जताई गई संवेदनाएं सच में दिल से हैं, या फिर यह सिर्फ पीआर स्टंट है? पिछले कुछ समय में पाकिस्तानी कलाकारों ने भारतीय फिल्मों में काम करने के दौरान अपनी संवेदनाएं जताई थीं, लेकिन अब कश्मीर में आतंकवादियों के द्वारा निर्दोष लोगों की जान लेने के बाद इन संवेदनाओं का वास्तविक असर और उनका सच्चा इरादा सवालों के घेरे में आ गया है।
भारत में इन घटनाओं को लेकर आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है और लोग पाकिस्तान से जुड़े कलाकारों की फिल्मों के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। यह घटना बॉलीवुड और फिल्म इंडस्ट्री के लिए भी एक बड़े बदलाव का संकेत हो सकती है, जहां देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।