
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, शक की सुई पाकिस्तान की सेना और उसके चीफ असीम मुनीर की तरफ मुड़ गई है। हमले से ठीक छह दिन पहले, 16 अप्रैल 2025 को असीम मुनीर ने एक विवादास्पद बयान दिया था जिसमें उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान के ‘गले की नस’ के रूप में संदर्भित किया था। इस बयान को लेकर कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान पहलगाम हमले की दिशा में एक इशारा था, और अब इसको सही तरीके से डिकोड करने की जरूरत है।
पाकिस्तान के आर्मी चीफ का बयान और उस पर उठते सवाल
असीम मुनीर का बयान खासतौर पर इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है कि उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान के लिए एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा बताया था। उन्होंने 16 अप्रैल 2025 को इस्लामाबाद में आयोजित ओवरसीज पाकिस्तानी कन्वेंशन में कहा था:
"कश्मीर पाकिस्तान के लिए गले की नस है, और हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में अकेले नहीं छोड़ेंगे।"
यह बयान ऐसे समय में आया था, जब जम्मू-कश्मीर में टूरिस्टों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही थी और कश्मीर में तनाव की स्थिति बनी हुई थी।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के इस बयान को लेकर तीन प्रमुख बातें हैं जिनपर ध्यान दिया जाना चाहिए:
टू-नेशन थ्योरी का समर्थन:
मुनीर ने अपनी स्पीच में टू-नेशन थ्योरी का बचाव किया और पाकिस्तान और भारत के बीच भिन्नता को सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अलग बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अस्तित्व इस विचारधारा पर टिका है, जहां हिंदू और मुसलमान अलग-अलग सभ्यताएं हैं।
पाकिस्तान की नींव का जिक्र:
मुनीर ने पाकिस्तान की नींव का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान का निर्माण इस्लाम धर्म के मूल मंत्र कलमा पर हुआ था। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के अस्तित्व के पीछे एक धार्मिक और सांस्कृतिक अंतर है, जिसे वे हिंदू धर्म से अलग मानते हैं।
कश्मीर को ‘गले की नस’ कहा:
मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान की ‘गले की नस’ बताया और कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को कभी नहीं भूलेगा। उनका यह बयान खासतौर पर कश्मीर के साथ पाकिस्तान के गहरे संबंधों को दर्शाता है, जो एक बार फिर से विवादों में घिरा हुआ है।
पाकिस्तान के सीनियर पत्रकार आदिल रजा ने असीम मुनीर की स्पीच और पहलगाम हमले के बीच एक कनेक्शन की ओर इशारा किया। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
"क्या हम यह मान सकते हैं कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर का कश्मीर को 'गले की नस' कहना, इस हमले के पीछे छिपा हुआ इशारा था?"
उनके अनुसार, मुनीर का यह बयान सीधे तौर पर कश्मीर और पाकिस्तान के रिश्तों को दर्शाता है, और इस बयान के बाद हमले का समय संयोग नहीं हो सकता। यह स्पष्ट रूप से इंगीत करता है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाने की संभावनाओं से इंकार नहीं कर रहा है।
पाकिस्तान ने पहलगाम हमले को लेकर अपनी भूमिका के बारे में सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन यह माना जा रहा है कि यह हमला भारत को एक कड़ा संदेश देने के लिए किया गया था। पाकिस्तान के लिए कश्मीर हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, और असीम मुनीर का बयान इसे और स्पष्ट करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान ने इस हमले के जरिए भारतीय टूरिज्म और कश्मीर के शांतिपूर्ण माहौल को निशाना बनाया।