जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में भारतीय सुरक्षाबलों पर निशाना साधा गया, जिसमें कई जवान घायल हुए हैं और कुछ ने अपने प्राणों की आहुति दी है। इस हमले की देशभर में तीव्र निंदा की जा रही है, और अब धार्मिक समुदायों से भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की आवाज़ें तेज़ हो गई हैं।
इसी कड़ी में लखनऊ स्थित ऐतिहासिक ईदगाह के इमाम और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की आतंकी घटनाएं न सिर्फ देश की शांति और सुरक्षा को चुनौती देती हैं, बल्कि मानवता के खिलाफ एक जघन्य अपराध हैं।
मौलाना खालिद रशीद ने आज जुमे की नमाज़ के मौके पर एक विशेष अपील की। उन्होंने कहा, “हमने देशभर की मस्जिदों और तमाम इमामों से अपील की है कि वे इस शुक्रवार की नमाज़ के दौरान एक विशेष दुआ करें – यह दुआ विशेष रूप से उन आतंकियों के खात्मे के लिए की जाए जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया और पूरे देश को गमगीन कर दिया। इसके साथ ही, सभी नमाज़ियों से अपील की गई है कि वे इस हमले में घायल हुए जवानों और आम नागरिकों की शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करें।”
उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम कभी भी आतंकवाद, हिंसा और निर्दोष लोगों की हत्या की इजाजत नहीं देता। “जो लोग ऐसे बर्बर कृत्यों को अंजाम देते हैं, वे न तो किसी मज़हब के मानने वाले हो सकते हैं और न ही इंसानियत के प्रतिनिधि। हमें एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी और शांति, सद्भाव और भाईचारे का संदेश फैलाना होगा,” उन्होंने कहा।
इस बयान को देशभर के मुस्लिम समुदायों से भी समर्थन मिल रहा है, और कई मस्जिदों में इस शुक्रवार को आतंकवाद के खिलाफ और देश की सुरक्षा के लिए विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया। मौलाना खालिद रशीद का यह कदम बताता है कि देश के धार्मिक नेता भी अब आतंक के खिलाफ खुलकर सामने आ रहे हैं और भारत की एकता और अखंडता के समर्थन में खड़े हैं।
इस प्रकार, मौलाना का संदेश न केवल आतंक के खिलाफ एक धार्मिक और सामाजिक स्तर पर खड़ी हुई मजबूत आवाज़ है, बल्कि यह देश को एकजुट रखने और शांति की दिशा में बढ़ने का भी आह्वान है।