
जम्मू-कश्मीर की हसीन वादियों में स्थित बैसरन घाटी, जिसे अक्सर 'मिनी स्विट्ज़रलैंड' कहा जाता है, सोमवार की दोपहर अचानक गोलियों की आवाज़ से गूंज उठी। ये वो समय था जब घाटी में सैकड़ों टूरिस्ट्स घूम रहे थे, फोटो खींच रहे थे और एडवेंचर एक्टिविटी का लुत्फ़ उठा रहे थे। चारों तरफ हँसी-खुशी का माहौल था, लेकिन चंद मिनटों में सब कुछ बदल गया।
10 से 15 मिनट में 26 की जान चली गई
करीब दोपहर 2:15 बजे, जंगल की ओर से अचानक फायरिंग शुरू हो गई। पहले-पहल किसी को समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। गोलियों की आवाज़ को कुछ टूरिस्ट्स ने पहले पटाखों की आवाज़ समझा। लेकिन जब चीखें गूंजने लगीं, लोग भागते नजर आने लगे, तब एहसास हुआ कि ये कोई आम घटना नहीं है – हमला हुआ है।
आतंकियों ने 10 से 15 मिनट के भीतर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में 26 लोगों की जान गई – जिनमें ज़्यादातर टूरिस्ट थे। कुछ स्थानीय गाइड और घोड़ेवाले भी इस हमले का शिकार हुए। आतंकी फायरिंग के बाद उसी जंगल की तरफ लौट गए, जहां से आए थे। अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
5 आतंकी – 3 लोकल, 2 विदेशी
इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हमले में शामिल आतंकियों की संख्या पांच थी। इनमें से तीन स्थानीय बताए जा रहे हैं, जबकि दो विदेशी (संभावित तौर पर पाकिस्तानी) हैं। शुरुआती जांच में ये भी सामने आया है कि आतंकी पहले से इस इलाके में छिपे हुए थे और उन्होंने घाटी का अच्छे से रैकी की थी।
आख़िर बैसरन घाटी ही क्यों चुनी?
बैसरन घाटी एक टूरिस्ट हॉटस्पॉट है – जहां रोज़ाना सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। पहलगाम से करीब 5 किमी की ट्रेकिंग के बाद इस घाटी तक पहुंचा जा सकता है। खुला इलाका होने की वजह से यहां ज्यादा सिक्योरिटी तैनात नहीं रहती। यही वजह रही कि आतंकियों ने इसे टारगेट के रूप में चुना।
टीम जब ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंची, तो वहां मौजूद कुछ चश्मदीदों से बात हुई। एक घोड़ेवाले ने बताया –
"सब कुछ अचानक हुआ। हमने बस गोलियों की आवाज़ सुनी। लोग इधर-उधर भागने लगे। कई तो गोली लगने से गिर पड़े। हम कुछ नहीं कर पाए।”
सिक्योरिटी पर उठे सवाल, जांच तेज़
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये हमला प्लानिंग के साथ किया गया है। आतंकी लोकल नेटवर्क के सहारे घाटी तक पहुंचे होंगे और संभवतः उनके पास पहले से पूरी जानकारी थी कि किस दिन कितने टूरिस्ट्स आते हैं, कितनी सिक्योरिटी है और कैसे हमला करना है।
सेना और पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और सर्च ऑपरेशन जारी है। ड्रोन और हेलिकॉप्टर की मदद से जंगलों में आतंकियों की तलाश की जा रही है, लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
देशभर में ग़म और ग़ुस्सा
इस हमले की खबर सामने आते ही देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने घटना की निंदा की है और दोषियों को कड़ी सज़ा देने का भरोसा दिलाया है।