
जम्मू के किश्तवाड़ जिले के छात्रू इलाके में गुरुवार को आतंकवादियों के खिलाफ शुरू हुआ ऑपरेशन शुक्रवार को भी जारी रहा। इस मुठभेड़ में भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया, जो देश के लिए सर्वोच्च बलिदान है। गुरुवार सुबह सिंहपोरा इलाके में आतंकियों से हुई हिंसक भिड़ंत के बाद सुरक्षा बलों ने आसपास के घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में आतंकियों की खोज शुरू की। शुक्रवार की सुबह सूरज की पहली किरणों के साथ भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने मिलकर एक व्यापक सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन चलाया ताकि आतंकियों को ढूंढ कर नष्ट किया जा सके।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (DGP) नलिन प्रभात ने मौके का दौरा कर ऑपरेशन की प्रगति और सुरक्षा हालात का जायजा लिया। उन्होंने सुरक्षाबलों का हौसला बढ़ाते हुए सभी आतंकियों को जल्द पकड़ने और सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। इस अभियान में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और अन्य अर्धसैनिक बलों का संयुक्त प्रयास जारी है। पुलिस और सुरक्षा बलों के अधिकारी भी मौके पर तैनात हैं और घने जंगलों तथा पहाड़ी इलाकों की पूरी तरह से तलाशी ले रहे हैं।
इस बड़े आतंकवाद विरोधी अभियान का नेतृत्व जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं। सभी कर्मी इस मिशन में पूरी ताकत और एकजुटता से लगे हुए हैं ताकि इलाके में छिपे आतंकवादियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और इलाके में शांति बहाल की जा सके। सुरक्षा बलों का मकसद न केवल आतंकवादियों को खत्म करना है, बल्कि आम लोगों को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करना भी है। इस ऑपरेशन के दौरान सेना का एक जवान शहीद हो गया, जिसे राष्ट्रीय सम्मान के साथ याद किया जा रहा है।
यह अभियान क्षेत्र में आतंकवाद की जड़ें खत्म करने और जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर हर स्तर पर कड़े कदम उठा रही हैं ताकि आतंकवादियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो सके और नागरिकों का भरोसा बनाए रखा जा सके।