
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक भावनात्मक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने देश की सुरक्षा, सैनिकों के बलिदान और मौजूदा हालात को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। इस पत्र में उन्होंने पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना की है, साथ ही मौजूदा समय में 'विजय उत्सव' जैसे आयोजनों से बचने की अपील की है।
अमित ठाकरे ने पत्र में लिखा,
"आपके नेतृत्व में भारत ने कई अहम उपलब्धियां हासिल की हैं। आपने देशहित में कई कठोर लेकिन आवश्यक निर्णय लिए हैं, विशेषकर राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में। सीमा पर मौजूदा हालात की वजह से आज पूरा देश भारतीय सेना की ओर देख रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हमारे सैनिकों ने जो साहस, अनुशासन और बलिदान दिखाया, वह पूरे देश के लिए गर्व की बात है।"
उन्होंने आगे कहा,
"भारतीय सेना की बहादुरी आज हर भारतीय के दिल में गूंज रही है। सोशल मीडिया से लेकर हर गली-मोहल्ले में हमारे सैनिकों के योगदान को सलाम किया जा रहा है। उनकी वीरता की वजह से ही हम सुरक्षित हैं।"
अमित ठाकरे ने पत्र में उल्लेख किया कि
"कुछ स्थानों पर 'विजय जुलूस' जैसे आयोजन किए जा रहे हैं, लेकिन यह समय विजय नहीं बल्कि युद्धविराम का है। जब हमारे सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है, उस समय ऐसे उत्सव कई लोगों के लिए भावनात्मक रूप से तकलीफदेह हो सकते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा,
"इस समय खुशी का प्रदर्शन नहीं, बल्कि शहीदों की कहानियों और उनके परिवारों के साहस को प्रमुखता देना ज़रूरी है। हमें अधिक संवेदनशीलता दिखाने की आवश्यकता है।"
अमित ठाकरे ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले और सीमा पर हो रहे संघर्षों का उल्लेख करते हुए लिखा कि
"हाल की घटनाएं, जैसे कि पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या और सीमा पर सैनिकों की शहादत, हमें ये बताती हैं कि चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है। पाकिस्तान पर अतीत के अनुभवों के आधार पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता। ऐसे में समाज को जागरूक करना और मानसिक रूप से तैयार करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।"
पत्र के अंत में अमित ठाकरे ने पीएम मोदी से अपील की:
"मोदीजी, हमें आप पर और आपके नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। हम जानते हैं कि आप सैनिकों के प्रति संवेदनशील हैं। मेरी विनम्र प्रार्थना है कि जब तक युद्ध का परिणाम पूरी तरह स्पष्ट न हो जाए, तब तक हम 'विजय' के उत्सवों से बचें और शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि स्वरूप संयम बरतें।"
अमित ठाकरे के इस पत्र में जहां एक ओर सरकार की नीतियों की सराहना की गई है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्र की भावनाओं और संवेदनशीलता की आवश्यकता को भी गंभीरता से उठाया गया है। यह पत्र मौजूदा हालात में संयम, जागरूकता और सैनिकों के सम्मान की एक सशक्त अपील के रूप में सामने आया है।