
दूदू (मोजमाबाद): हजरत ख्वाजबक्श कादरिया चिश्तिया रहमतुल्लाह अलेह का वार्षिक उर्स-ए-पाक रविवार से मोजमाबाद शरीफ में आस्ताने पर पूरी अकीदत और एहतराम के साथ शुरू होने जा रहा है। उर्स के इस पवित्र अवसर पर देश के विभिन्न कोनों से बड़ी संख्या में अकीदतमंद और जायरीन यहां पहुंचेंगे। आयोजन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और जिम्मेदारों द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
उर्स की शुरुआत रविवार सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरानखानी से की जाएगी, जिसमें सूफी परंपरा के अनुसार हजरत ख्वाजबक्श की दरगाह पर पवित्र कुरान की तिलावत की जाएगी। कुरानखानी के बाद दुआ की जाएगी, जिसमें मुल्क-ओ-कौम की सलामती, अमन और भाईचारे की कामनाएं की जाएंगी।
19 मई को मुख्य कार्यक्रम
सोमवार, 19 मई को दोपहर में जोहर की नमाज के बाद हजरत ख्वाजबक्श रहमतुल्लाह अलेह की मजार पर चादर शरीफ पेश की जाएगी। इस मौके पर जायरीन अपने साथ लाए हुए फूल और चादरें पेश कर अपनी अकीदत का इज़हार करेंगे। इसके बाद दरगाह में दुआओं और फातिहा का दौर चलेगा।
इसी दिन रात को ईशा की नमाज के बाद महफिल-ए-शमा का आयोजन किया जाएगा। महफिल में देशभर से आए कव्वाल सूफियाना कलाम पेश करेंगे और हजरत ख्वाजबक्श की शान में मनकबत और नात पढ़ेंगे। यह रात रूहानियत और अकीदत से भरपूर होगी, जिसमें अकीदतमंद बड़ी संख्या में शामिल होकर अपने दिलों को सुकून देंगे।
20 मई को लंगर का आयोजन
उर्स का समापन कार्यक्रम मंगलवार, 20 मई को सुबह 8 बजे होगा, जब दरगाह परिसर में लंगर का आयोजन किया जाएगा। इसमें हजारों जायरीन के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। यह लंगर सभी जाति, धर्म और समुदाय के लोगों के लिए समान रूप से खुला रहेगा, जो सूफी परंपरा की सर्वधर्म समभाव की भावना को दर्शाता है।
प्रबंध और सुविधा
पूरे कार्यक्रम की जिम्मेदारी सज्जादानशीन अलहाज निसार अहमद, मुतवल्ली हाजी मोहम्मद जहूर काजी और फरीद अहमद के नेतृत्व में निभाई जा रही है। दरगाह प्रबंधन समिति ने कार्यक्रम के सभी चरणों की योजना तैयार की है ताकि जायरीन को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
जायरीन की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जयपुर के चांदपोल अनाज मंडी के पास से विशेष बस सेवाएं चलाई जा रही हैं, जिससे श्रद्धालु आसानी से मोजमाबाद पहुंच सकें।