
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायलय ने राजस्थान स्टेट रोडवेज ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (आर.एस.आर.टी.सी.) को अनेक श्रेणियों में तबादला योजना बनाने के लिए 3 महीने की मोहलत दी। कोर्ट ने अधिकारियो से, कर्मचारियों की सामाजिक और अर्थशास्त्रीय हैसियत को सुनिश्चित करने को कहा, जिसमे कर्मचारियों के वर्त्तमान एवं पूर्व कार्यस्थल स्थानीय सुचना, कार्यकाल अवधि और प्रशाशनिक जरूरतों का तबादले में ख्याल रखने को कहा गया है।
कोर्ट का कहना है कि कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व अवधि के दौरान, रोडवेज को फैसला करना होगा, और तब तक उनके तबादले के आदेश को बर्खास्त किया जाएगा।
न्यायधीश समीर जैन का ये फैसला, सूर्यभान सिंह शेखावत और अन्य 14 के साथ दर्ज की गयी याचिका पे सुनवाई के बाद दिया गया, और इसकी नक़ल बुधवार को अपलोड की गयी थी।
इस में याचिका अधिवक्ता आर.डी. मीणा और सुनील कुमार सिंगोदिअ, ने कोर्ट को तथ्यों से वाकिफ करते हुए बताया कि जनवरी 15 को (आर.एस.आर.टी.सी.) के 240 ड्रॉईवरो और कन्डक्टरो को करीब 600 किलोमीटर दूर भेजा गया। इसके बाद कुछ प्रभावशाली कर्मचारियों का तबादला रद्द कर दिया, बहुत से कर्मचारी कुछ समय में रिटायर होने वाले है। (आर.एस.आर.टी.सी.)ने यह तबादले सरकारी पालिसी के विर्रुध किये थे। होने कोर्ट को अवगत करवाया की हज़ारो कर्मचारी होने के बावजूत भी तबादले की कोई पालिसी उपलब्ध नहीं थी, इसलिए (आर.एस.आर.टी.सी.) ने बिन किसी ठोस वजह के तबादले कर दिए, मीणा ने बताया।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीन महीने के भीतर पालिसी का गठन करने का आदेश जारी किया।
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