
ढाका। यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट बुधवार को प्रसारित की गयी जिसमे बांग्लादेशी हिन्दुओ के मानव अधिकारों के साथ दुर्व्यवहार की खबर सामने आयी, अहमदिय्या मुस्लिम और कुछ स्थाई निवासियों के समाज भी इस समसाय से ग्रसित प्रतीत हुए, इसकी वजह पक्षपात के विर्रुध विरोध को बताया गया है, इसी कारण शेख हसीना की सरकार शाशन से बहार हो चुकी है।
यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स ऑफिस का कहना है कि, जबकि 100 के करीब गिरफ्तारियां की गयी है, क्युकी उन्होंने दूसरे धर्मो के स्थाई निवासियों के समूह पर हमला किया था, (पब्लिक नुइसंके) इस हिंसक और पूर्व निर्धारित समूह पर हमला करने के बाद, बदले की भावना महसूस करने वाले दहसत गर्दी, अपने दंड मुक्ति की हैसियत का लुत्फ़ उठा रहे है। शैख़ हसीना की सरकार सत्ता से बहार होने के बाद, अनेक हिन्दू घरो, व्यापारियों और धार्मिक स्थलों के विरुद्ध हमले किये गए। रिपोर्ट के अनुसार भारत के बार बार किये गए वैध दावो की पुष्टि हो चुकी है कि सिर्फ हिन्दू और मंदिरो को निशाना बनाया गया है।
यूनाइटेड नेशन की खबर के अनुसार मानव अधिकारों का खंडन के दौरान 1400 लोगो की मृत्यु हुई। यह आक्रमण हिन्दू घरो, व्यापारियों और धार्मिक स्थलों पर किये गए, विशेष तोर से ग्रामीण और ऐतिहासिक काल के क्षेत्र में जैसे कि ठाकुरगांव, लालमोनिरहाट, दिनाजपुर, सीलहेत, खुलना और रंगपुर। इस घटना का वर्णन यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट "ह्यूमन राइट्स वायोलेशन एंड एब्यूज रिलेटेड तो प्रोटेस्ट ऑफ़ जुलाई एंड अगस्त 2024 इन बांग्लादेश" में किया गया है।
विश्वसनीय रिपोर्ट का कहना है पिछले साल 1 जुलाई से 15 अगस्त तक लगभग 1400 लोगो के मृत्यु हुई है, यह घटना बांग्लादेशी रक्षा बलो द्वारा किये गए संचालन की है जिसमे 50 प्रतिशत से अधिक लोगो को गोली मारकर मौत दी गयी, और हज़ारो लोग घायल हो चुके। यह नाश विशेष उन क्षेत्रों में किये गए जिन्होंने सहानुभूति प्राप्त की थी।
AB 208 Nirman Nagar Vivekanand Marg Ajmer road jaipur - 302019
Latest Videos
Advertisement Videos
Trend Videos