
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में इस्लामाबाद में आयोजित पहले ओवरसीज पाकिस्तानी सम्मेलन में एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नींव कलमे (इस्लाम धर्म के मूल मंत्र) पर रखी गई थी, और यह देश हिंदू धर्म से पूरी तरह अलग है। उनका कहना था कि पाकिस्तान का धर्म, संस्कृति, रीति-रिवाज, और सोच भारत से अलग है, और यही वजह थी कि पाकिस्तान और भारत को दो अलग-अलग राष्ट्रों के रूप में स्थापित किया गया था।
जनरल मुनीर ने इस अवसर पर कहा कि पाकिस्तान का इतिहास और उसकी नींव इस्लामिक सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान का गठन उस समय हुआ जब हमारे पूर्वजों ने महसूस किया कि हिंदू समाज से हमारी पहचान अलग है और हमारी सोच और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। जनरल मुनीर ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने इस देश की नींव रखने के लिए बलिदान दिया, और हमें यह समझ है कि इस देश की रक्षा कैसे की जानी चाहिए।
जनरल मुनीर ने इस सम्मेलन में पाकिस्तान की दो प्रमुख रियासतों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अब तक दो रियासतों की बुनियाद कलमे पर रखी गई है। पहली रियासत-ए-तैयबा थी, जिसे हमारे नबी (मोहम्मद साहब) ने नाम दिया था, और जिसे आज मदीना के नाम से जाना जाता है। दूसरी रियासत, 1300 साल बाद, पाकिस्तान के रूप में अल्लाह ने बनाई।
उनके इस बयान ने एक बार फिर पाकिस्तान की दो-राष्ट्र सिद्धांत की विचारधारा को उजागर किया, जिसे पाकिस्तान के गठन के समय जिन्ना ने पेश किया था। जनरल मुनीर के बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है, खासकर पाकिस्तान और भारत के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक विभाजन पर।
यह बयान पाकिस्तान के आर्मी चीफ द्वारा देश की नींव और इसके अस्तित्व के बारे में दिए गए विचारों को और स्पष्ट करता है, जो इस्लाम और पाकिस्तानी पहचान के महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित हैं।
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