जम्मू-कश्मीर सरकार ने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। मंगलवार को नागरिक सचिवालय में हुई एक अहम बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य की शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने स्कूल और कॉलेज स्तर पर छात्रों की सुरक्षा, यातायात नियमों के पालन और हाल ही में घटित घटनाओं की समीक्षा की।
बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी क्रम में शनिवार, रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में शैक्षणिक संस्थानों द्वारा आयोजित होने वाली पिकनिक यात्राओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के आदेश जारी किए गए।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि अगर किसी स्कूल या कॉलेज को पिकनिक आयोजन करना है तो उसे पहले प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
हाई स्कूल और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को अपने क्षेत्र के मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
मिडिल स्कूल और उससे नीचे के स्कूलों को संबंधित जोनल एजुकेशन ऑफिसर (ZEO) से इजाजत लेनी होगी, जो बाद में इसकी सूचना CEO को देंगे।
वहीं, यदि कोई स्कूल जिले से बाहर पिकनिक पर जाना चाहता है, तो उसे संबंधित स्कूल शिक्षा निदेशक से अनुमति लेनी होगी।
मंत्री ने कहा, "छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना सरकार के साथ-साथ पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी गतिविधि में छात्रों की सुरक्षा से समझौता न हो।"
सकीना इटू ने राज्य में सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि 'हेलमेट नहीं तो ईंधन नहीं' नियम का कड़ाई से पालन कराया जाए। उन्होंने इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संयुक्त जांच दलों के गठन का आदेश दिया।
साथ ही, उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि स्कूलों में बच्चों को ले जाने वाली सभी निजी और सरकारी स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएँ ताकि निगरानी को बेहतर बनाया जा सके।
बैठक के दौरान मंत्री ने यातायात नियमों का सख्ती से पालन, सड़क सुरक्षा जागरूकता और पुलिस, शिक्षा और परिवहन विभागों के बीच बेहतर तालमेल पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल नियम बनाने की नहीं, बल्कि उसे जमीनी स्तर पर लागू करने की ज़िम्मेदारी भी है।
हाल ही में हुई हंदवाड़ा कॉलेज बस दुर्घटना के संदर्भ में भी सकीना इटू ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) शिक्षा विभाग को मामले की गहन विभागीय जांच के निर्देश दिए। साथ ही, निदेशक कॉलेजों को सभी कॉलेज बस चालकों के नए सिरे से ड्राइविंग टेस्ट लेने के आदेश दिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।