
फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सएप की पैरेंट कंपनी ‘मेटा’ एक बार फिर विवादों में है। अमेरिका की फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) और 46 राज्यों ने मिलकर मेटा और इसके CEO मार्क जुकरबर्ग के खिलाफ सोशल मीडिया पर अवैध एकाधिकार (Monopoly) का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले में 14 अप्रैल 2025 से वॉशिंगटन डीसी की कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है। आरोप इतने गंभीर हैं कि इसके चलते 1.3 ट्रिलियन डॉलर की मेटा कंपनी का बंटवारा तक हो सकता है।
FTC का दावा है कि मेटा ने जानबूझकर अपने छोटे प्रतिस्पर्धियों को खत्म करने के लिए इंस्टाग्राम और वॉट्सएप को खरीदा था। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या मेटा को इन दोनों प्लेटफॉर्म्स को बेचना पड़ेगा?
9 दिसंबर 2020:
FTC और अमेरिका के 46 राज्यों ने वॉशिंगटन डीसी की जिला अदालत में मेटा के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमे दायर किए।
इन मुकदमों में कहा गया कि:
2012 में मेटा (तब फेसबुक) ने तेजी से पॉपुलर हो रहे फोटो शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम को 1 बिलियन डॉलर में खरीद लिया।
2014 में मेटा ने दुनिया का सबसे पॉपुलर मैसेजिंग ऐप वॉट्सएप 19 बिलियन डॉलर में खरीदा।
FTC का दावा है कि इन खरीदों का उद्देश्य इन प्लेटफॉर्म्स को बेहतर बनाना नहीं, बल्कि प्रतिस्पर्धा को खत्म करना था।
मेटा ने धीरे-धीरे सोशल मीडिया और मैसेजिंग बाजार पर पूरी पकड़ बना ली और नए आने वाले स्टार्टअप्स को या तो खरीद लिया या खत्म कर दिया।
FTC ने मेटा पर कुल चार प्रमुख आरोप लगाए हैं:
मेटा ने गैर-कानूनी तरीके से सोशल मीडिया मार्केट में एकाधिकार (monopoly) कायम किया।
प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के इरादे से इंस्टाग्राम और वॉट्सएप को खरीदा।
मेटा ने स्नैपचैट जैसे उभरते प्लेटफॉर्म्स को खत्म करने की कोशिश की।
मेटा की इन नीतियों ने बाजार में इनोवेशन और कंपीटिशन को नुकसान पहुंचाया।
FTC की मुख्य मांग:
मेटा को इंस्टाग्राम और वॉट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स को बेचने के आदेश दिए जाएं ताकि सोशल मीडिया मार्केट में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बहाल हो सके।
भविष्य में मेटा पर किसी भी प्रकार की ऐसी खरीद पर निगरानी रखी जाए।
FTC के ताजा ट्रायल से ये स्पष्ट है कि यदि मेटा कोर्ट में आरोपों को झुठला नहीं पाता, तो इंस्टाग्राम और वॉट्सएप को बेचने की नौबत आ सकती है।
इससे कंपनी की मार्केट वैल्यू और यूजर बेस पर बड़ा असर पड़ेगा।
FTC के अलावा अमेरिका के 46 राज्यों की तरफ से भी न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने मेटा के खिलाफ मुकदमा दायर किया।
हालांकि, जून 2021 में जज बोसबर्ग ने इसे यह कहकर खारिज कर दिया कि:
यह केस बहुत देर से दायर किया गया है।
इंस्टाग्राम और वॉट्सएप की खरीद के 8-10 साल बाद ये केस दायर हुआ।
राज्यों ने यह साबित नहीं किया कि इससे उनके नागरिकों को सीधा नुकसान हुआ।