ग्लोबल बाजारों में जारी अस्थिरता के बीच सोने की कीमतों को लेकर नई भविष्यवाणी सामने आई है। फॉरेन इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि 2025 के अंत तक सोना 4,500 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच सकता है।
गोल्डमैन सैक्स ने हाल ही में अपना गोल्ड टारगेट प्राइस अपडेट करते हुए इसे बढ़ाकर 3,700 डॉलर प्रति औंस कर दिया है। यह इस साल की तीसरी बार है जब बैंक ने गोल्ड प्राइस को रिवाइज किया है। इससे पहले मार्च में इसे 3,300 डॉलर प्रति औंस तक बढ़ाया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर और वैश्विक मंदी की आशंकाओं के चलते निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प मान रहे हैं। यही वजह है कि डिमांड में इज़ाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि अगर आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है, तो सोने की कीमतों में और तेजी देखी जा सकती है, जिससे यह कीमती धातु निवेशकों के लिए एक बार फिर से आकर्षण का केंद्र बन सकती है।
पिछले हफ्ते सोने की कीमतें पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस के लेवल को पार कर गईं और इसी के साथ 3,245.69 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गई. इसके पीछे वजह ग्लोबल मार्केट में मची उथल-पुथल है. भौतिक खरीद (सोने के सिक्के, बार या ज्वेलरी को शारीरिक रूप से खरीदना) और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) दोनों में इसकी मजबूत डिमांड देखी गई. गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि अमेरिका में मंदी के बढ़ते जोखिम के खिलाफ सोने के जरिए लोग अपने बचाव की तैयारी कर रहे हैं. अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर के चलते सोने की मांग और कीमतों में तेज़ी देखने को मिल रही है। एक ओर जहां अमेरिका ने चीनी आयात पर टैरिफ बढ़ाकर 145 प्रतिशत तक कर दिया है, वहीं चीन ने भी जवाबी कदम उठाते हुए अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है।
इन दोनों वैश्विक महाशक्तियों के बीच बढ़ते तनाव के चलते निवेशकों में असमर्थता और आर्थिक अस्थिरता को लेकर चिंता गहराई है, जिसकी वजह से सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में फिर से उभर रहा है।सोमवार को सोने की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई, जिसकी मुख्य वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कुछ इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों—जैसे स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य गैजेट्स—पर से टैरिफ हटाने का फैसला रहा। इस कदम से अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर में थोड़ी नरमी आई है, क्योंकि इन उत्पादों का बड़ा हिस्सा चीन से आयात किया जाता है।
हाजिर सोना 0.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,223.67 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जबकि पिछली ट्रेडिंग में बुलियन ने 3,245.28 डॉलर का रिकॉर्ड हाई छुआ था। वहीं, अमेरिकी सोना वायदा 0.1 प्रतिशत फिसलकर 3,240.90 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टैरिफ में इस ढील ने ट्रेड वॉर के तनाव को कुछ हद तक कम किया है, जिससे सोने की 'सेफ हेवन' डिमांड में थोड़ी कमी आई है।