
भैसा सिंह गांव में करीब 5 दशक पूर्व एक संत को स्वप्न में जमीन के नीचे मंदिर और प्रतिमाएं दिखाई दी थीं. संत ने ये बात गांव वालों को बतायी. उनकी बात सुनकर ग्रामीणों ने उनकी बतायी जगह पर खुदाई की तो अंदर प्राचीन देव मूर्तियां और पूरा मंदिर मिला. हम बात कर रहे अति प्राचीन अमरनाथ महादेव मंदिर की.
Sirohi: ये कहानी अजीब है लेकिन गजब है. इस पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है. पर है बिलकुल सही. सिरोही जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर भैसासिंह गांव है. यहां एक मंदिर है. कहानी इस मंदिर की ही है. मंदिर एक टीले के नीचे दबा हुआ था. संत को स्वप्न आया और उसके बाद इस टीले की खुदाई की गयी. सच आज सबके सामने है. यहां महादेव मंदिर, 11 हजार 111 शिवलिंग और सूर्य की मूर्ति निकली.
भैसा सिंह गांव में करीब 5 दशक पूर्व एक संत को स्वप्न में जमीन के नीचे मंदिर और प्रतिमाएं दिखाई दी थीं. संत ने ये बात गांव वालों को बतायी. उनकी बात सुनकर ग्रामीणों ने उनकी बतायी जगह पर खुदाई की तो अंदर प्राचीन देव मूर्तियां और पूरा मंदिर मिला. हम बात कर रहे अति प्राचीन अमरनाथ महादेव मंदिर की.
आया था सपना-
मंदिर का इतिहास 11वीं और 12वीं शताब्दी में परमार शासकों की राजधानी रही चंद्रावती नगरी के समकालीन बताया जाता है. हालांकि कुछ क्षेत्र वासी इसे चंद्रावती नगरी से भी कई वर्ष पुराना बताते हैं. बात 1975 की है. यहां रहने वाले संत मंगलदास महाराज को स्वप्न में मंदिर और शिवलिंग नजर आए थे. उन्होंने अपने स्वप्न के बारे में ग्रामीणों को बताया. ग्रामीणों ने टीले की खुदाई करवाई. संत की बात सही निकली. टीले के नीचे मंदिर निकले. इसके साथ ही यहां एक प्राचीन बावड़ी भी मिली. बाद में 1985 में महंत ओंकारदास महाराज के सानिध्य में पुराने मन्दिर के पिलर और ऊपरी भाग का जीर्णोद्धार कर वर्तमान मंदिर तैयार करवाया गया था. आज भी यहां वो मूर्तियां संरक्षित हैं. हर वर्ष श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर हजारों की संख्या में भक्त यहां दर्शन करने आते हैं.
150 गाय और नन्दी गौशाला में है
अभी महंत भगवानगिरी महाराज यहां के पुजारी हैं. उनकी देखरेख में मन्दिर में सेवा गतिविधियां भी चलती रहती हैं. भक्त राहुल अग्रवाल ने बताया मंदिर में संचालित गौशाला में 127 गाय और नंदी शाला में 23 नंदी हैं. भविष्य में यहां एक गौ चिकित्सालय शुरू करने की भी योजना है.
पहाड़ी पर 11 हजार 111 शिवलिंग
मंदिर के पास ही एक पहाड़ी है. उस पर 11 हजार 111 छोटे शिवलिंग स्थापित हैं. मंदिर की खुदाई के समय यहां एक प्राचीन सूर्य भगवान की प्रतिमा भी मिली थी, जो खंडित नहीं थी. बताया जाता है देश में गुजरात के मोढेरा, ओडिशा के कोणार्क के अलावा गिनती के ही सूर्य मंदिर हैं. धार्मिक मान्यता है, सूर्य देव की पूजा करने से मान-सम्मान, प्रतिष्ठा बढ़ती है. ऐसा करने से जीवन की असफलताओं को सूर्य देव सफलता का आशीर्वाद देते हैं.