
दिल्ली: केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है। रक्षा मंत्रालय ने सरकार को यह प्रस्ताव दिया है, जिसे संसद के शीतकालीन सत्र (नवंबर-दिसंबर 2025) में मंजूरी मिलने की संभावना है। सरकारी सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस अतिरिक्त फंड का उपयोग नए हथियार, गोला-बारूद, उन्नत तकनीक की खरीद, सेना की जरूरतें, और रिसर्च व डेवलपमेंट पर किया जाएगा।
रक्षा बजट 7 लाख करोड़ के पार
प्रस्तावित बढ़ोतरी के बाद रक्षा मंत्रालय का कुल बजट 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को पेश किए गए 2025-26 के बजट में सशस्त्र बलों के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो पिछले साल (2024-25) के 6.22 लाख करोड़ रुपये से 9.5% अधिक है। तुलनात्मक रूप से, 2014-15 में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली पहली भाजपा सरकार ने रक्षा मंत्रालय को 2.29 लाख करोड़ रुपये दिए थे।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। इसके जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी कैंपों को नष्ट किया गया। भारत ने अपने उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग कर बिना सीमा पार किए यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
इस दौरान रूस की एस-400, बराक-8 मीडियम रेंज SAM सिस्टम, स्वदेशी आकाशतीर सिस्टम, पिकोरा, OSA-AK, और LLAD गन जैसे उपकरणों ने पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम किया। पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को भारत की मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम ने लगभग पूरी तरह बेअसर कर दिया।
भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान से 9 गुना ज्यादा
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की 'ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडिचर 2024' रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सैन्य खर्च 2024 में 1.6% बढ़कर 86.1 बिलियन डॉलर (लगभग 7.19 लाख करोड़ रुपये) हो गया। वहीं, पाकिस्तान का सैन्य खर्च 10.2 बिलियन डॉलर (लगभग 85,170 करोड़ रुपये) रहा। यह दर्शाता है कि भारत अपनी सेना पर पाकिस्तान से 9 गुना अधिक खर्च कर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि सैन्य खर्च के मामले में शीर्ष पांच देश अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी और भारत हैं, जिनका कुल सैन्य खर्च 1635 बिलियन डॉलर (लगभग 136.52 लाख करोड़ रुपये) है।
रक्षा बजट बढ़ोतरी का रणनीतिक महत्व
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा बजट में प्रस्तावित बढ़ोतरी को रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। यह कदम भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।